“शहीदों की शहादत” का प्रतीक “शहीद स्मारक”.

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भारत में आज हम सभी देशवासी आजादी के इस महापर्व(स्वतंत्रता दिवस)की 77वी वर्षगांठ मना रहे है,प्रतिवर्ष हम सब इस दिन बड़े ही उत्साह, उमंग व उत्सव के रंग से सराबोर नजर आते है। पर एक सवाल मन में आता हैं, क्या ये दिन केवल उत्सव,उत्साह व उमंग का है? नहीं ! ये सवाल निश्चित तौर पर हम सभी के लिए विचारणीय होना चाहिए। बहरहाल हम किसी भी दिन विशेष को उत्सव के रूप में क्यों मनाते है? क्योंकि हम उस दिन के अनुरूप अपने आप मे एक अलग ही ऊर्जा व उत्साह का संचार अनुभव कर पाते है। फिर यहाँ तो बात भारत के सबसे बड़े राष्ट्रीय पर्व (स्वतंत्रता दिवस) की हो रही है। इस राष्ट्रीय पर्व में जोश, उमंग व उत्साह का होना तो स्वाभाविक ही हैं,पर उसके पीछे का कारण क्या है? कारण है इस दिवस की महत्ता, दरअसल ये दिन है उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों के उबाल मारते रक्त को याद करने का,जिन्होंने इस महान स्वतंत्रता प्राप्ति में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया, ये दिन है उन बलिदानियों के स्मरण का जिन्होंने अपनी पूरी जोश व जवानी की आहुति इस महायज्ञ में झोंक दी। तब कहीं जा कर स्वतंत्रता प्राप्ति का वो महायज्ञ पूर्ण हो सका था,जिसके अमृत प्रसाद (स्वतंत्रता) का पान आज तक आप हम सब कर पा रहें है। मूलतःस्वतंत्रता दिवस का ये पर्व प्रतिवर्ष हम सभी को उन तमाम घटनाक्रमों व संस्मरणों से अवगत कराने आता है, कि ये आजादी इतनी सस्ती नहीं थीं। इस आजादी के लिए हमारे पुरखों ने जाने क्या-क्या कीमते चुकायी,न जाने कितनो ने अपने व अपनों के बलिदान दिये,न जाने कितनों ने माँ भारती के आजादी हेतु अपने सीस उतारवा दिये,और न जाने कितने आजादी के मतवालों ने लटकते फंदों को चूमा व हँसते उस पर झुल गए। तब कहीं जा कर वो गुलामी की घुटन समाप्त हो सकी, तब कही जा कर वो पल आया जब मिट्टी से उठती उस सौंधी महक में अपनापन महसूस हो सका, तब कहीं जा कर वो पल आया, जब हमनें पहली बार अपनी आजादी का तिरंगा लहराया, और तब से आज तक लहराते आ रहे है, अपनी स्वतंत्रता को याद कर हम आज अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे है।

वहीं आज जब हम उन तमाम क्रांतिकारियों व शहीदों की शहादत को याद करते हुए एक समाज सेवी संगठन (विरासत के अंजोर) द्वारा “शहीद स्मारक” का लोकार्पण देख रहे हैं, तो निश्चित तौर पर यह विश्वास सुदृढ़ हो रहा है कि, देश के उन वीर सपूतों के लिए प्रत्येक भारतीय मन मे जो संवेदना रूपी घी है, उससे उनके शहादत की अमर-ज्योति सदैव प्रज्वलित होती रहेगी, आलोकित होती रहेगी, प्रकाशित होती रहेगी।

🇮🇳”बागबाहरा नगरवासियों के लिए यह दिन ऐतिहासिक हो गया, आज यह शहादत का प्रतीक शहीद स्मारक लोकार्पित हो गया।”🇮🇳

आप सभी मित्रों,स्वजनों व देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई व शुभकामनाएं,मंगलकामनाएं🙏🙏🙏🙏🙏

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