नेशनल न्यूज़। सुप्रीम कोर्ट ने मोदी उपनाम को लेकर की गई कथित विवादित टिप्पणी के संबंध में 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए शुक्रवार को उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल कर दी। न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि टिप्पणी उचित नहीं थी और सार्वजनिक जीवन में भाषण देते समय एक व्यक्ति से सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है।
पीठ ने कहा, “निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, ऐसे में अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।” शीर्ष अदालत गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए आधे घंटे का वक्त दिया गया, जिसमें दोनों पक्षों के वकीलों को बोलने के लिए 15-15 मिनट मिले। इस बीच राहुल गांधी की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले में दलील दी, उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अपने भाषण में जिन लोगों का नाम लिया है, उनमें से किसी ने मुकदमा नहीं किया लेकिन सिर्फ बीजेपी के नेता ही इसमें मुकदमा कर रहे हैं। वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता का असली सरनेम मोदी नहीं है, वह मोध सरनेम से मोदी बने हैं। उन्होंने यह भी दलील दी कि गवाहों ने साफ कहा है कि राहुल ने पूरे समुदाय का अपमान नहीं किया।