राजस्थान की कालबेलिया, केरल की तैय्यम, सिक्किम की तमांग शेला ने मन मोहा
देश के विभिन राज्यो से पहुंचे आदिवासी नृत्यों ने बांधा समां
रायपुर – राजधानी रायपुर में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के पहले दिन संध्याकाल मे आदिवासी संस्कृति की रीति-रिवाजों और परम्परा का आकर्षक तरीके से प्रस्तुति ने दर्शकों को मन्त्र मुग्ध कर दिया। पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के भील जनजाति द्वारा प्रस्तुत भगोरिया नृत्य ने समा ही बांध दिया। इस नृत्य में युवक-युवतियां फूलों से सुसज्जित डंडे हाथ मे लेकर मनमोहक नजारा प्रस्तुत किया। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से पहुंचे लोक नर्तकों ने जनजातियों की वैवाहिक परम्परा का बखूबी प्रदर्शन किया। उनके द्वारा परम्परागत वेश भूषा धारण कर वैवाहिक दृश्य का जीवंत मंचन किया गया।

महाराष्ट्र की प्रसिद्ध तड़पा नृत्य वहां की वारली जनजाति द्वारा किये जाने वाला एक खास नृत्य है जिसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। ताड़ के पेड़ से बने वाद्य यंत्र आकर्षण का केंद्र रहा। राजस्थान से आये कालबेलिया जनजाति समूह द्वारा संगीतमय प्रस्तुति दी गयी। संगीत के साथ घुम्मर शैली में इस नृत्य का गजब का सयोजन दिखाई दिया। राजस्थान की इस समूह को दर्शकों ने खूब प्यार दिया। केरल राज्य की तैय्यम डांस अपनी अद्भुत वेशभूषा और नृत्य के लिए दर्शकों के मन मे गहरी छाप छोड़ी। यह डांस देवी देवताओं के पूजा अर्चना के अवसर पर जनजातीय समूह द्वारा किया जाता है।

वाद्य यंत्रों की थाप पर देवालय में की गयी पूजा अर्चना और अनुष्ठान का यह दृश्य भाव विभोर कर दिया। सिक्किम से आये युवा कलाकारों ने वहां की प्रचलित तमांग शेला नृत्य को शानदार तरीके से प्रस्तुत किया। इसे दांबु नाच भी कहा जाता है। रोमांस का यह संगीतमय प्रस्तुति युवाओं में आकर्षण का केंद्र रहा। देवभूमि उत्तराखंड के भोटिया जनजाति के नर्तक दलों ने मुखौटा नृत्य अलग ही अंदाज में प्रस्तुत किया। यह नृत्य फसल कटाई के बाद महिला और पुरुषों द्वारा सामुहिक रूप से किया जाने वाला नृत्य है।इसमें नृत्य के माध्यम से अपने पूर्वजों को आमंत्रित किया जाता है। महाराष्ट्र के विदर्भ अंचल की रेला वहां की गोंड व प्रधान जनजाति द्वारा वैवाहिक अवसरों पर किया जाने वाला नृत्य है। नृत्य की खूबसूरत प्रस्तुति ने दर्शकों को भी झूमने पर मजबूर कर दिया। युवक युवतियों द्वारा किया गया सामूहिक नृत्य अपने पारम्परिक पोशाक में दर्शकों का ध्यान खिंच रही थी।



















