वैक्सीन पर सियासत गरमाई

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रायपुर। कोरोना की दूसरी लहर ने देश भर में एक ओर हाहाकार मचा दिया तो वहीं दूसरी ओर सभी राज्य सरकारें अपने प्रदेश में वैक्सीनेशन का काम तेजी से करना चाह रही हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि कोरोना से सुरक्षित रहने का सबसे कारगर तरीका वेक्सिनेशन ही है। लेकिन अब कई राज्यो में वैक्सीन की कमी के चलते वैक्सीनेशन लगभग बंद होने की स्थिति में है और इसी बात पर सियासत भी गरमा गयी है। वैक्सीन के कमी के चलते भले ही वेक्सिनेशन की रफ्तार धीमी पड़ रही है, लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर आरोप लगाने में कोई कमी नहीं होने देना चाहते। छत्तीसगढ़ के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने शुक्रवार को कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार यहां के नौजवानों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है। केंद्र सरकार पर आरोप लगाने के अतिरिक्त इनका कोई एजेंडा नहीं है। ये सरकार 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को सात जन्म में भी टीका नहीं लगवा सकती है। यहां के लोगों की जीवन रक्षा के लिए केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए।

सत्ता पक्ष की ओर से जवाब देते हुए रविन्द्र चौबे ने अजय चंद्राकर को नसीहत देते हुए कहा कि वे सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस्तीफे की मांग करें। क्योंकि केंद्र सरकार हिंदुस्तान में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को परमिट न देने की साजिश कर रहा है। वह केवल स्पूतनीक वैक्सीन का आयात कर रही है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्यों ने मांग की है कि कोरोना से संबंधित आवश्यक संसाधनों को टैक्स फ्री किया जाए।

क्या आ सकती है तीसरी लहर
इधर,छत्तीसगढ़ सरकार 31 मई से प्रदेश भर में अनलॉक करने जा रही है लेकिन वैज्ञानिकों ने कोरोना के तीसरी लहर के आने की भी संभावना व्यक्त की है।जिसके चलते सरकार पहले से ही तैयारी में लग गयी है। साथ ही वह चाह रही है कि राज्य भर में वेक्सिनेशन का कार्य तेजी से चलता रहे जिससे अगर तीसरी लहर आती भी है तो उसका प्रभाव कम हो,औऱ लोग कोरोना की चपेट में ना आए। लेकिन ऐसा होते नजर नही आ रहा है क्योंकि वेक्सीन की कमी ही इस कार्य मे सब से बड़ी बाधा बन गयी है।

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