जीवन को सफल बनाने के लिए सहजता, सरलता, विनम्रता और धैर्यता का गुण को धारण करें: सुश्री उइके

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संत, महात्माओं के प्रभाव के कारण छत्तीसगढ़ है शांति का टापू: श्री भूपेश बघेल

सर्व मंगल आध्यात्मिक महाकुम्भ में शामिल हुए राज्यपाल और मुख्यमंत्री

रायपुर, 20 दिसम्बर 2019/ राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज राजधानी रायपुर स्थित इंडोर स्टेडियम में प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘सर्व मंगल आध्यात्मिक महाकुम्भ‘ में सम्मिलित हुई। उन्होंने ब्रम्हाकुमारी की शिक्षा का उल्लेख करते हुए कहा कि जीवन को सफल बनाने के लिए हर व्यक्ति को सहजता, सरलता, नम्रता और धैर्यता की गुणों को धारण करना चाहिए। कार्यक्रम में राज्यपाल और मुख्यमंत्री का सम्मान भी किया गया।

 राज्यपाल ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे दादी जानकी की उपस्थिति में इस कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला। वे सौ की उम्र पार कर चुकी है और उम्र की इस पड़ाव में भी सद्कार्य में लगी हुई है। वे ईश्वर के दूत के रूप में इस धरती में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि हम भौतिक सुख-सुविधाओं के पीछे भागते रहते हैं, मगर हमारा लक्ष्य शांति की प्राप्ति होनी चाहिए।

सुश्री उइके ने कहा कि सर्व मंगल आध्यात्मिक महाकुम्भ में शामिल होते हुए मुझे बड़ी प्रसन्नता हो रही है। आज के व्यस्ततम समय में बढ़ते तनाव एवं निराशा ने हर वर्ग के लोगों को अत्यधिक प्रभावित किया है। ऐसे समय में उन्हें मानसिक रूप से सशक्त बनाने में आध्यात्मिक ज्ञान अमृत के समान है। आध्यात्मिकता न केवल उन्हें नकारात्मक विचारों से दूर रखेगी, बल्कि उनमें सकारात्मकता का संचार भी करेगी। वर्तमान समय में मनुष्य को शारीरिक एवं मानसिक रूप से भी सशक्त होना जरूरी है, तभी वह स्वयं का और समाज एवं देश के विकास में बेहतर भूमिका का निर्वहन कर सकेगा। 

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि आध्यात्मिकता वह महान शक्ति है, जिसमें श्रद्धा और विश्वास की अहम् भूमिका होती है, जो व्यक्ति को महान एवं समाज को समर्थ बनाने की क्षमता रखता है। आज की पीढ़ी, अपने मूल आदर्शों एवं बुनियादी सिद्धांतों को भूलती जा रही है तथा हिंसा की ओर अग्रसर है। उन्होंने युवा पीढ़ी में, भारतीय संस्कृति के मूल्यों और आदर्शों को रोपित करने पर बल दिया।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी इस समागम में शामिल हुए। उन्होंने सर्व मंगल आध्यात्मिक महाकुंभ में सम्मिलित होने पर अपनी प्रसन्नता जतायी और कहा कि ब्रम्हाकुमारी जानकी दादी द्वारा 104 वर्ष की इस लंबी उम्र में भी विनम्रता और मधुरता के साथ लोगों को सुखी एवं शांतिमय जीवन के लिए उनके द्वारा दी जा रही प्रेरणा प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ शांति का टापू है। आज देश के कोने-कोने में कई तरह की अप्रिय वारदातें हो रही हैं, लेकिन इससे हमारा छत्तीसगढ़ राज्य अछूता है। यहां महान संत कबीर, संत गुरू घासीदास, महाप्रभु वल्लभाचार्य तथा स्वामी विवेकानंद जैसे महान मनीषियों के चरण पड़े हैं। इनके प्रभाव से सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में लोगों के बीच आपसी भाईचारा, समरसता तथा आत्मीयता के भाव रचे-बसे है। ब्रम्हाकुमारी संस्था का भी प्रभाव छत्तीसगढ़ के कोने-कोने तक समाहित है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में सर्व मंगल आध्यात्मिक महाकुंभ के आयोजन के लिए प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी संस्था को अपनी बधाई भी दी।

इस अवसर पर प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी विश्वविद्यालय के राजयोगिनी ब्रम्हाकुमारी जानकी दादी ने आध्यात्मिक और नैतिक विषयों पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में बच्चों द्वारा नृत्य-नाटिका की सुंदर प्रस्तुती दी गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।

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