भाईदूज के अवसर पर यमराज – यमुना मंदिर में मेला
हजारों श्रद्धालुओं ने आज किया दर्शन
बागबाहरा – छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में यमराज का मंदिर स्थित है। यह छत्तीसगढ़ राज्य का पहला मंदिर है भारत देश का आठवां यमराज मंदिर है,जहां श्रद्घालु साल में केवल एक दिन पूजा-अर्चना करने जाते हैं। दीपावली त्योहार के तीसरे दिन यम द्वितीया (भाई दूज) के दिन यहां मेला लगता है। जिसमें हजारों श्रद्घालु दर्शन करने पहुंचते हैं और भोग-भंडारा में प्रसाद ग्रहण करते हैं। शेष 364 दिन यहां लोग ‘मौत के देवता’ को दूर से ही प्रणाम करके आगे बढ़ जाते हैं।
महासमुन्द जिले के बागबाहरा ब्लॉक से महज 3 किमी दूर खल्लारी स्थापना , बागबाहरा – पिथौरा मार्ग में स्थित है 2012 से यहाँ यमराज मंदिर की नींव रखी गई जो कि 2017 में पूर्ण हुआ 20 – 21अक्टूबर को दो दिन तक चले मंत्रोचार के साथ भाई दूज के दिन यम – यमुना की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई ।
दो साल पहले बने इस मंदिर के पीछे का राज भी चौकाने वाला है। एक ग्रामीण भयानक सड़क हादसे में मौत के मुंह में समा गया था। पूरे क्षेत्र में उसके मौत की अफवाह फैल गई। दो महीने बाद वह मौत के मुंह से वापस आया तो इस दुर्घटनाजन्य स्थल पर यमराज का मंदिर बनवाया।
बीते दो वर्षों से यहां यम द्वितीया के दिन मेला लग रहा है और साल में केवल एक दिन ही हजारों श्रद्घालु मृत्यु के देवता यम और यमराज की बहन यमुनादेवी का दर्शन करके यमलोक जाने से मुक्ति की मन्नतें मांगने यहां पहुंचते हैं। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि अर्थात भाई दूज (यम द्वितीया) के दिन यम-यमुना का पूजा-अनुष्ठान करने से मनुष्य को जाने-अनजाने में हुए पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है और यमलोक में यातना झेलने से बच जाते हैं।
भारत में कुल आठ यमराज मंदिर, इनकी अलग-अलग मान्यताएं है
यह हैं भारत के आठ यमराज (धर्मराज) मंदिर, जिस पर है लोगों की आस्था
- यमराज मंदिर भरमौर, चम्बा (हिमाचल प्रदेश)
- धर्मराज मंदिर विश्रामघाट, मथुरा (उत्तरप्रदेश)
- धर्मराज मंदिर, ऋषिकेश (उत्तरप्रदेश)
- श्रीऐमा धर्मराज मंदिर तंजावुर (तमिलनाडु)
- काशी का धर्मराज मंदिर वाराणसी (उत्तप्रदेश)
- थिरूप्पाईन्जीलीयम धर्मराज मंदिर त्रिची (तमिलनाडु)
- श्री चित्रगुप्त और यमराज मंदिर कोयम्बटूर सिंगानल्लुर (तमिलनाडु)
- यमराज-यमुना मंदिर, करमापटपर- महासमुंद (छत्तीसगढ़)
धार्मिक आस्था और श्रद्घा के लिए भारत की एक अलग पहचान है। यहां तैंतीस करोड़ देवी-देवता और चौरासी लाख योनि होने की कहानियां पौराणिक कथाओं में मिलती है। इनमें मृत्यु के देवता यमराज का मंदिर बहुत कम ही मिलता है।
दुनिया का एकमात्र यमराज मंदिर हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले के भरमौर नामक स्थान में स्थित है। इसके अलावा तमिलनाडु प्रांत में तीन, उत्तरप्रदेश में तीन और छत्तीसगढ़ के इस यमराज मंदिर को मिलाकर पूरे भारत में यमराज के आठ मंदिर हैं। यह आठवां आश्चर्य कहा जा सकता है कि दो साल पहले बना छत्तीसगढ़ का यह यमराज मंदिर मध्य भारत का पहला और एकलौता यमराज मंदिर है। जिसकी गिनती देश के आठवें यमराज मंदिर में हो रही है। इस मंदिर के निर्माण की कहानी दिलचस्प है। जहां पर यमराज का मंदिर बना है,वहां खतरनाक मोड़ है,दुर्घटनाजन्य स्थल के रूप में चिन्हांकित है।
यहां अक्सर सड़क हादसा होता था और लोग असमय ही काल के गाल में समा जाते थे। ऐसा ही हादसा तेंदूकोना निवासी नंदकुमार सोनी के साथ हुआ। उनकी मोटरसाइकिल एक वाहन से टकरा गई। पलभर के लिए लगा कि मौत हो गई है। पूरे क्षेत्र में नंदकुमार की मौत हो जाने की खबर भी फैल गई थी।
आसपास के ग्रामीण और सोनी दंपती बताते हैं कि पहले इस दुर्घटनाजन्य स्थल पर अक्सर हादसा होता था और लोग बेमौत ही मारे जाते थे। जब से यमराज मंदिर बना है और प्राण प्रतिष्ठा हुई है। तब से इस स्थान पर एक भी सड़क हादसा नहीं हुआ है। इससे लोगों का आस्था और विश्वास साल दर साल बढ़ता जा रहा है।