महासमुंद। अखिलविश्व गायत्री परिवार के निर्देशन व महासमुंद गायत्री महायज्ञ समिति के तत्वावधान में 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ मंडी प्रांगण, पिटियाझर में 3 फरवरी से होगा और छः फरवरी तक निरन्तर चलता रहेगा। इस चार दिवसीय 108 कुण्डीय नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ में छत्तीसगढ़ सहित पड़ोसी राज्य से बड़ी संख्या में श्रद्धालु गण सम्मिलित होंगें। महायज्ञ समिति के सदस्यों ने बताया कि यज्ञ की तैयारियां पूरी हो चुकी है। 108 हवन कुण्डों का निर्माण चार वर्गों में किया गया है। प्रत्येक वर्ग मे 27, 27 कुण्डों का निर्माण किया गया है साथ ही यज्ञ मंडप के मध्य में मुख्य शक्ति कलश व सर्वतोभद्र मंडप की स्थापना की गई है। साथ ही गुरुदेव पंडित श्री राम शर्मा जी आचार्य के जीवनी की प्रदर्शनी लगाई गई है व गुरुदेव की विचारों को पढ़ने व समझने के लिए विराट पुस्तकालय का भी निर्माण किया गया है।
कार्यक्रम की रूपरेखा……
108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ कार्यक्रम का आरंभ 3 फरवरी की सुबह शंखनाद कर 3000 कलशों की भव्य शोभायात्रा से होगा। तत्पश्चात शाम 4 बजे शांतिकुंज हरिद्वार से आये हुए ऋषिपुत्रों के द्वारा संगीतमय प्रवचन होगा। 4 फरवरी सुबह 9 बजे से 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ विभिन्न संस्कार भी संपन्न कराये जाएँगे। यज्ञ में कराए जाने वाले ये सभी संस्कार निःशुल्क है। समिति के सदस्यों ने कहा कि संस्कार से ही संस्कृति सुरक्षित रह सकती है,जिस किसी को भी संस्कार कराना हो वो समिति के सदस्यों से संपर्क कर सकते है। अगले दिन 5 फरवरी पुनः यज्ञयीय कार्यक्रम व संस्कारो को किया जाना है तत्पश्चात शाम 4.30 बजे देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी का विशेष उद्बोधन व दीप महायज्ञ कार्यक्रम होना है। इसी तरह 6 फरवरी को यज्ञयीय कार्यक्रम से साथ महापूर्णाहूति होगी। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान महायज्ञ यज्ञ में सम्मिलित होने सभी लोगों के लिए विशाल भंडारा व भोजन प्रसाद की भी व्यवस्था की गयी है।



















