रिहाई के बाद भारत वापस भारत लौटे इंडियन नेवी के पूर्व अधिकारी

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नई दिल्ली। कतर में फांसी की सजा पाने वाले इंडियन नेवी के 8 पूर्व अधिकारियों की रिहाई हो चुकी है। इनमें से 7 पूर्व अधिकारी अब अपने वतन भारत वापस लौट चुके है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सोमवार को उनके रिहाई की घोषणा की थी। इन अधिकारियों को जासूसी का आरोप लगाते हुए मौत की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद में नई दिल्ली द्वारा राजनयिक हस्तक्षेप के माध्यम से मृत्युदंड को लंबी जेल की सजा में बदल दिया गया था। इस मौके पर भारत सरकार ने कतर में दाहरा ग्लोबल के लिए काम करने वाले आठ नागरिकों की रिहाई के लिए आभार व्यक्त किया, जिनमें से सात पहले ही भारत लौट आए हैं। विदेश मंत्रालय ने कतर राज्य के अमीर द्वारा सभी नौसेना कर्मियों की रिहाई और वापसी की सुविधा प्रदान करने के निर्णय की सराहना की है। बता दें कि, कर्मियों की रिहाई और भारत में सुरक्षित वापसी के लिए चिंतित परिवारों की अपील के बीच, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सभी राजनयिक विकल्पों का उपयोग करने और कानूनी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया था। विदेश मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सोमवार तक आठ पूर्व नौसेना कर्मचारियों अधिकारियों में से 7 पहले ही भारत लौट चुके हैं। वहीं आखिरी पूर्व अधिकारी की भी जल्द वापसी हो जाएगी।

जताया प्रधानमंत्री मोदी का आभार

कतर से लौटे पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों में से एक ने कहा, “हमने भारत वापस आने के लिए लगभग 18 महीने तक इंतजार किया। हम प्रधानमंत्री के बेहद आभारी हैं। यह उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बिना संभव नहीं होता। हम भारत सरकार द्वारा किए गए हर प्रयास के लिए तहे दिल से आभारी हैं, उन प्रयासों के बिना यह दिन संभव नहीं होता।

” अगस्त 2022 में गिरफ्तार किए गए थे पूर्व नौसैनिक

अलदहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज और कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ काम करने वाले पूर्व भारतीय नौसैनिकों को भ्रष्टाचार और जासूसी के एक मामले में कथित रूप से शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया था। भारत सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और कतर के साथ बातचीत कर उन्हें कानूनी मदद दी गई। 26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत ने उन आठ भारतीय नागरिकों को मौत की सजा सुनाई, जिन्हें अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, ना तो कतर एडमिनिस्ट्रेशन और ना ही भारत सरकार ने ही उन अधिकारियों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक किया। जब मौत की सजा की खबर ने वैश्विक सुर्खियां बटोरीं तो भारत ने फैसले को “चौंकाने वाला” बताया और मामले में सभी कानूनी विकल्प के साथ जाने का फैसला किया था।

कतर से रिहा किए गए आठ पूर्व नौसैनिक कौन हैं?

भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों में – कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश शामिल हैं – जो कतर में अलदाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम कर रहे थे, जो कि एक सर्विसेज और रक्षा सेवा प्रदान करने वाली कंपनी है।

कई जमानत याचिकाएं की गई खारिज

पूर्व नौसैनिक अधिकारियों ने अक्टूबर 2022 में दोहा में भारत के राजदूत से मुलाकात की थी और फिर वे अपने रिश्तेदारों से बात कर सके थे। मार्च 2023 में पूर्व नौसैनिकों द्वारा दायर कई जमानत याचिकाओं में से आखिरी याचिका खारिज कर दी गई थी। उसी महीने उन पूर्व अधिकारियों के खिलाफ कतर कोर्ट ट्रायल शुरू की थी और फिर 26 अक्टूबर को मौत की सजा सुनाई थी।

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