मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से सुपोषित हो रहे गर्भवती महिलाएं और बच्चे

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आंगनबाड़ी केन्द्रों में पौष्टिक आहार के साथ अण्डे परोसे जाने से हितग्राहियों में बढ़ी रूचि

धमतरी – प्रदेश शासन द्वारा दो अक्टूबर से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाकर गर्भवती, शिशुवती महिलाओं के साथ-साथ कुपोषित बच्चों को भी सुपोषित करने व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। अभियान का सकारात्मक और व्यापक असर प्रदेश के साथ ही जिले में भी देखने मिल रहा है। योजना के तहत आहार तालिका में इस बार उबला अण्डा जोड़ा गया है, जिसकी वजह से कुपोषित बच्चों का वजन तेजी से बढ़ने लगा है। आदिवासी बाहुल्य नगरी विकासखण्ड के अंदरूनी गांवों में भी बच्चों के वजन में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अभियान शुरू होने के माह भर के भीतर अनेक कुपोषित बच्चों के वजन में इजाफा दर्ज किया गया है।
परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग नगरी ने बताया कि नगरी विकासखण्ड के 352 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 52 का चयन इसलिए किया गया, क्योंकि यहां पर मध्यम और गम्भीर कुपोषित बच्चों की संख्या 12 या उससे अधिक है। नगरी सेक्टर के ग्राम फरसियां में दो आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जहां तीन से छह वर्ष के 23 बच्चे, 15 गर्भवती एवं 08 शिशुवती माताएं दर्ज हैं। इस केन्द्र में विशेष पिछड़ी जनजाति कमार से दो गर्भवती, दो शिशुवती और पांच बच्चे सम्मिलित हैं।

सबसे अच्छी बात यह रही कि इस अभियान के पहले केन्द्र में कमार वर्ग की महिलाओं की उपस्थिति नगण्य थी। अभियान के बाद शत-प्रतिशत गर्भवती व शिशुवती माताएं अब नियमित रूप से केन्द्र आ रही हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत फरसियां के आंगनबाड़ी केन्द्र में गम्भीर कुपोषित बच्चों में से रघुलाल पिता पूरणलाल का वजन 400 ग्राम, जशकुमार पिता हलाल का 900 ग्राम तक वजन बढ़ा है, जबकि मध्यम कुपोषित बच्चों में से भूपेश्वर पिता अमृतलाल का वजन 600 ग्राम, रितिक पिता लोमश के वजन में 400 ग्राम की वृद्धि हुई है, जो अब सामान्य वजन वाले बच्चों की श्रेणी में आ चुके हैं। इस प्रकार अभियान का प्रत्यक्ष लाभ बच्चों और शिशुवती व गर्भवती महिलाओं को मिल रहा है।


इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में तीन से छह साल तक के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को पूर्व निर्धारित मीनू के अलावा एक उबला अण्डा और शिशुवती माताओं को एक उबले अण्डे के साथ पका हुआ गर्म भोजन भी प्रदाय किया जा रहा है। इसके अलावा 15 से 49 आयुवर्ग की सभी महिलाओं में एनीमिया का परीक्षण स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किया जा रहा है। आहार के तौर पर अण्डा परोसे जाने से हितग्राहियों में रूचि बढ़ गई है, साथ ही अण्डे के पोषक तत्वों का भी लाभ उन्हें मिल रहा है। उन्होंने बताया कि शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर श्री रजत बंसल के मार्गदर्शन में चयनित आंगनबाड़ी केन्द्रों मंे अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा जिले के राइस मिलर्स, व्यापारी वर्ग तथा जनप्रतिनिधियों के द्वारा आर्थिक सहयोग किया जा रहा है। साथ ही जिले के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी एक दिवस का वेतन अभियान के लिए स्वेच्छा से दान किया है। योजना को सफल बनाने विभाग के अधिकारी तथा मैदानी कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं के द्वारा सतत् रूप से सकारात्मक कार्य एवं गतिविधियां की जा रही हैं।

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