रायपुर – छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से एक बेहद ही प्रोत्साहित करने वाली खबर आई। यहां एक ऐसा होनहार दिव्यांग है, जिसके जन्म से ही दोनों हाथ-पैर नहीं है। लेकिन, यह व्यक्ति अपनी मदद के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाता है। यह दिव्यांग व्यक्ति अपनी काबिलियत के दाम पर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है। जिले के अधिकारी भी दिव्यांग आशीष की तारीफ करते हुए नहीं थकते हैं।
इस दिव्यांग का नाम आशीष सोनी हैं और यह बलरामपुर जिले की शंकरगढ़ जनपद पंचायत में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं। आशीष के जन्म से ही दोनों हाथ-पैर नहीं हैं, लेकिन, आशीष ने खुद को कभी दूसरों से कम नहीं समझा और लगातार मेहनत करते हुए 10वीं की परीक्षा पास की और अब 12वीं की पढ़ाई कर रहे हैं।
आशीष के दोनों हाथ-पैर ना होने के बाद भी वह बहुत ही बेहतर ढंग से कंप्यूटर, मोबाइल और स्कूटी चला लेते हैं। आशीष रोज 18 किलोमीटर तक स्कूटी चलाते हुए अपने घर से रोजाना शंकरगढ़ स्थित अपने दफ्तर पहुंचते हैं। आशीष का कहना है कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से वह काम कर रहे हैं, उनके कमाए हुए पैसों से ही घर चलता है।
आशीष के पिता का कहना है कि आशीष का बचपन से ही पढ़ाई की तरफ रूझान था। आशीष ने 10वीं की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं, और वह अब 12वीं की परीक्षा देंगे। पिता ने बताया कि आशीष चल फिर नहीं सकते इसलिए, उनको उठाकर लाना और ले जाना पड़ता है। इस कारण उन्हें पूरे दिन आशीष के साथ रहना पड़ता है। पिता ने इच्छा जाहिर की कि अगर जनपद में ही कुछ छोटा मोटा काम मिल जाए तो, उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो जाएगा।
आशीष के साथ काम करने वाले भी उनके हुनर की तारीफ करते हैं, उनका कहना है कि समाज को आशीष से प्रेरणा लेनी चाहिए। आशीष बिना हाथ पैर भी अपने आप को कभी भी असहज महसूस नहीं करता है। शंकरगढ़ जनपद पंचायत के सीईओ भी आशीष के हुनर की तारीफ करते हैं। उनका कहना है कि आशीष को कलेक्टर दर पर मनरेगा सेल में कंप्यूटर ऑपरेटर का कार्य दिया गया है, जिसको वो अच्छे से कर रहे हैं।
बलरामपुर के कलेक्टर संजीव कुमार झा ने कहा कि आशीष कई लोगों को प्रेरित करते हैं। वह अपना सारा काम खुद करते हैं। वह अपनी आजीविका के लिए किसी पर निर्भर नहीं हैं। मैंने सर्कल अधिकारी से कहा है कि वह उनके पिता को भी नौकरी पर रखे जो उन्हें सहायता प्रदान करते हैं। बता दें कि आशीष सोनी टेट्रा एमेलिया सिंड्रोम से पीड़ित हैं।