भगवान भरोसे बच्चों का गणित 5 माह बाद भी नही शुरू हुआ गणित का अध्याय

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बागबाहरा – शासन द्वारा प्रदेश भर में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए जगह – जगह स्कूल तो खोले गए है लेकिन शिक्षकों की भर्ती अब तक नही की गई है आज भी कई ऐसे स्कूल है जिनके लिए भवन है बच्चे है पर पढ़ाने वालो शिक्षकों की कमी है ।
महासमुन्द जिले बागबाहरा ब्लॉक के वनांचल क्षेत्र बोइरगाव में सत्र 2010 में नवीन हाई स्कूल की शुरुआत हुई थी तब से लेकर आज तक इस स्कूल में शिक्षकों की कमी बरकरार है । दो शिक्षकों के भरोसे 84 बच्चों अपना भविष्य संवारने में लगे है । शिक्षकों की कमी के बाद भी 1 शिक्षक को शासकीय कार्य के लिए प्रतिदिन अन्यत्र भेजा जाता है ऐसे में स्कूल का प्रभार सिर्फ प्राचार्य के भरोसे चल रहा है ।
बतादे की स्कूल में स्मार्ट क्लास बनाने प्रोजेक्टर भी लगाया गया है ताकि बच्चों की डिजिटल पढ़ाई हो सके पर शिक्षकों की कमी के चलते ये सारे उपकरण बेकार पड़े है ।
शासकीय नवीन हाई स्कूल बोइरगाव में 2012 से विषयवार गणित , विज्ञान , सामाजिक विज्ञान एवं संस्कृत के शिक्षकों के पद रिक्त है जिसमे नजे ही आज तक भर्ती हो पाई और न ही कोई शिक्षक व्यवस्था में आ पाए है जिसके चलते पढ़ाई रामभरोसे चल रही है ।

गुरु बिना गणित- आम तौर पर बच्चों के लिए सबसे मुश्किल विषय गणित होता है बाकी विषयो को तो बच्चे जैसे तैसे पढ़ लेते है लेकिन गणित के लिए शिक्षक की जरूरत होती है । हाई स्कूल बोइरगाव में दसवीं बोर्ड कक्षा में 36 बच्चे अध्ययनरत है स्कूल खुलने से लेकर आज तक इन बच्चों की एक भी क्लास नही हो पाई है जबकि हाल ही में बच्चों की तिमाही परीक्षा भी संचालित है और 5 माह बाद वार्षिक परीक्षा भी होना है ऐसे में बच्चे कैसे बोर्ड परीक्षा में बाजी मार पाएंगे । बच्चों का कहना है कि जितना अपने से हो सकता है उतना ही हल कर पाएंगे अन्यथा प्रश्नों को छोड़ देंगे ।

धूल खाते प्रयोगशाला सामाग्री – विज्ञान के शिक्षक नही होने के कारण स्कूल के प्रयोग शाला कक्ष का ताला ही नही खुल पता लाखो के समान धूल फाँकते पड़े हुए है

समस्याओं से भरा स्कूल –
इस स्कूल में शिक्षकों की कमी के साथ – साथ और भी समस्याओं का अंबार भरा हुआ है स्कूल में पेय जल कि समस्या के चलते बच्चे स्कूल के 300 मी. दूर से पानी लेकर आते है । स्कूल में बच्चों के लिए खेल सामाग्री की भी व्यवस्था स्कूल में नही है ।
स्कूल में शासन की महती योजना स्वच्छता एवं शौचालय की बात करे तो स्कूल में दरवाजा विहीन बालिका शौचालय है जिसका उपयोग पर्दे के भरोसे किया जा रहा है ।
आज दुनिया के इतने आधुनिक होने के बाद भी बागबाहरा के वनांचल क्षेत्र में स्थित यह स्कूल आदिम काल के स्कूल से भी बदत्तर स्थिति में है ।

स्कूल की तस्वीर बदलने शिक्षक कर रहे नवाचार –
शिक्षकों की कमी एवं अन्य समस्याओं के बाद भी स्कूल के शिक्षक स्कूल की छवि बदलने कार्य पर लगे हुए शिक्षकों द्वारा स्कूल में अपने एवं स्कूल के योगदान से स्कूल में सीसीटीवी कैमरा लगाए गए है , बच्चों के सांस्कृतिक गतिविधियों को आगे बढ़ने शिक्षक रामकुमार साहू ने स्कूल में रंगमंच बनवाया है वही खेलकूद में गतिविधियों के लिए मैदान का समतलीय कारण भी शिक्षकों द्वारा कराया गया ।

गांव के दो युवा स्कूल में दे रहे सेवा – बोइरगाव स्कूल में पिछले कई वर्षों से शिक्षकों की कमी से जूझते बच्चों के भविष्य को संवारने के बीड़ा गांव के दो युवाओ ने भी अब उठा लिया है गांव के युवा संत राम यादव एवं संस्कृति महानंद खाली समय मे बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में सेवा दे रहे है ।

एन. एस. ठाकुर (प्रभारी प्राचार्य हाई स्कूल बोइरगाव ) – शिक्षकों की कमी की विगत कई वर्षों से इस स्कूल में इस समस्या के लिए शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियो सहित विधायक महोदय को भी अवगत कराया गया है अभी तक समस्या जस की तस बनी हुई है ।

के.के.कोवाची (बीइओ बागबाहरा) – ब्लॉक में शिक्षकों की कमी पहले से ही है अभी ट्रांसफर के बाद और कमी हो गई है जल्द ही व्यवस्था में शिक्षक भेज कर शिक्षक की कमी को पूर्ण करेंगे ।

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