10 वर्षो में हॉस्पिटल में मरीजो की संख्या दुगुनी और डॉक्टर हुए आधे
बागबाहरा – नगर के हृदय स्थल पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अपनी लचर व्यवस्थाओं के कारण इन दिनों चर्चाओं में है आये दिन यहाँ समय मे डॉक्टर उपलब्ध न होने की वजह से मरीजो के परिजनों का गुस्सा हॉस्पिटल प्रबंधन पर फूटता है। वही मरीजो के कुछ परिजनों काटो यह भी आरोप है कि रात में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर अधिकतर नदारत रहते है , रात में मरीजो को नर्स अथवा वार्ड बॉय के भरोसे ही इलाज कराना पड़ता है जब कोई इमरजेंसी केस हॉस्पिटल पहुचता है तब डॉक्टर अपने घर से आते है । कभी कभी तो अपने घर से रात में आने वाले ये डॉक्टर मरीजो के परिजनों से दुर्व्यवहार करते भी नजर आते है ।
डॉक्टरों की बात करे तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 2010 से लेकर अब तक विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध नही है वही 15 वर्षो से प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी ही इस हॉस्पिटल की कमान सम्हाले हुए है ।
स्टाफ की कमी से जूझ रहा बागबाहरा हॉस्पिटल – सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बागबाहरा जिला मुख्यालय से लगभग 35 किमी दूर है वही इस हॉस्पिटल से लगभग 30 किमी दूर पर पिथौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है हॉस्पिटलों की लंबी दूरी की वजह से बागबाहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजो की संख्या भी प्रतिदिन लगभग 200 से अधिक होती है लेकिन इन मरीजो के इलाज से लेकर देखभाल के लिए हॉस्पिटल में स्टाफ की कमी है बतादे की सीएससी बागबाहरा में 9 चिकित्सक की जगह सिर्फ 6 चिकित्सक ही हॉस्पिटल में उपलब्ध है वही हॉस्पिटल में 11 स्टाफ नर्स की जगह सिर्फ 6 ही है हॉस्पिटल में 1 वार्ड बॉय और बिना ड्रेसर के ही हॉस्पिटल संचालित हो रहा ।
विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी की वजह से बना रेफर सेंटर – वैसे तो हॉस्पिटल में 9 चिकित्सा अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ डॉक्टरों के पोस्ट अलॉट है पर अब तक किसी भी विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर हॉस्पिटल में नही आ पाए है जिनकी वजह से आज भी यह हॉस्पिटल रेफर सेंटर बना हुआ है ।
फल फूल रहे निजी क्लिनिक – नगर में आधा दर्जन से भी ज्यादा निजी क्लिनिक एवं नर्सिंग संचालित हो रहे है अब चिकित्सा जगत भी एक बड़े व्यापार के रूप में संचालित हो रहे है बतादे की कुछ वर्ष पहले नगर के 6 अवैध संचालित क्लीनिकों में सीलबंद कार्यवाही हुई थी पर अब वही सीलबंद क्लिनिक धड़ल्ले से फलफूल रहे ।
ये है हॉस्पिटल में स्वीकृत पद-
खंड चिकित्सा अधिकारी , मेडिसिन विशेषज्ञ, सर्जरी विशेषज्ञ , स्त्रीरोग विशेषज्ञ , शिशु रोग विशेषज्ञ , एनैस्थिसिया विशेषज्ञ , अस्थिरोग विशेषज्ञ , दंत रोग विशेषज्ञ , स्टाफ नर्स , लेब टेक्नीशियन , फार्मासिस्ट , रेडियोग्राफर , लेखापाल , सहायक ग्रेड 2 ,वार्ड बॉय, ड्रेसर ड्राइवर , चौकीदार एवं आया।
आर. के. कुरुवंशी (बीएमओ बागबाहरा) – शुरुआत से ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है समय समय पर उच्चाधिकारियो को अवगत कराया जाता है पर अब भी समस्या जस की तस बनी हुई है ।