ओपन एवं ओवर ऑल कैटेगरी में राज्यभर में रहे प्रथम: एक लाख रुपए का मिला इनाम
27 से 29 दिसम्बर को अब राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में दिखायेंगे जलवा
रायपुर – राजधानी रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय शहीद वीर नारायण सिंह स्मृति आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव में कोण्डागांव जिले के ग्राम बिंझे और चिखलाडीही के लोक नर्तक दलों ने ओपन और ओवरऑल सभी कैटेगरी में पहला स्थान पाकर जिलेभर का नाम रौशन किया है। ज्ञात हो कि राजधानी रायपुर मे राज्य स्तरीय शहीद वीर नारायण सिंह स्मृति आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव का आयोजन साऊथ सेन्ट्रल पार्क में सम्पन्न हुआ। जिसमें राज्य के सभी जिलों से चयनित प्रदेश के 710 आदिवासी नर्तक दलों द्वारा राज्य की विविधतापूर्ण एवं समृद्ध जनजाति संस्कृति को दर्शातें हुए लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया गया।
इस आयोजन मे कोण्डागांव जिले के केशकाल विकासखण्ड अतंर्गत ग्राम बिझें, कानागांव और चिखलाडिही के दो लोक नृतक दलो द्वारा क्रमश ’’हुलकी और गौरमार मांदरी नृत्य’’ की प्रस्तुतियां दी गई और महोत्सव मे ओपन कैटेगरी के अन्तर्गत ’’हुलकी नृत्य’’ को प्रथम स्थान मिला जबकि ओवरऑल कैटिगरी मे गौरमांदरी नृत्य’’ ने भी प्रथम स्थान प्राप्त किया। जिसके लिए उक्त नृत्य दल को 1 लाख रूपये की पुरस्कार दिया गया। इस उपलब्धि पर नृत्य दलों को चहु ओर से बधाई और शुभकामनाएं मिल रही है। हमारे लोक नृत्य आदिवासी संस्कृति के गौरव का उल्लेख करते है और इन दलों ने जिले की उत्कृष्ठ आदिवासी संस्कृति का प्रदर्शन राज्य स्तर पर कर मान बढ़ाया है। अब ये राष्ट्रीय स्तर पर भी यह गौरवान्वित करेंगे। ज्ञातव्य है कि 27, 28 और 29 दिसम्बर को रायपुर मे आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले आदिवासी लोक कला महोत्सव मे लोक नृतक दलों द्वारा पुनः अपनी कला का प्रदर्शन किया जायेगा। इस महोत्सव मे देश के विभिन्न राज्यों के आदिवासी लोक नृतक दल हिस्सा लेंगें। ज्ञात हो कि राज्य शासन की मंशानुरूप आदिवासियों की धरोहर स्वरूप उनकी सभ्यता और संस्कृति के संरक्षण और सतत् विकास के लिए सभी जिलो मे जिला एंव संभाग स्तरीय या आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया गया था। इसके साथ ही दल के साथ गये दो उदघोषकों श्रीमति मधु तिवारी एंव व्याख्याता शिवलाल यादव को भी 28 और 29 को होने वाले लोक कला महोत्सव मे बतौर उद्घोषक के रूप मे कार्यक्रम संचालन हेतु चयन किया गया। गौरतलब है कि बिझें के लोक नृतक बलदूराम मरावी के नेतृत्व मे दल द्वारा नवाखाई के अवसर पर ’’हुलकी नृत्य’’ का प्रदर्शन किया गया तथा वहीं ग्राम चिखलाडिही के नृतक सोमनाथ एंव गणेश दुग्गा और उनके साथियों ने शिकार के अवसर पर किये जाने वाले ’’गौरमांदरी नृत्य’’ के माध्यम से उपस्थित जनसमूह का दिल जीता।