बागबाहरा। सुबह का समय, पौ फटने से ठीक पहले बागबाहरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर कोरबा गामी लिंक एक्सप्रेस आने वाली थी, एनाउंसमेंट हो रही थी, ट्रेन पकड़ने वाले यात्रियों का एक-एक कर आना जारी था, उनकी चहल कदमी से प्लेटफार्म की फिजा में रौनकता आने लगी थी लेकिन उन आगन्तुक यात्रियों से दीगर एक किशोरवय लड़के-लड़की का जोड़ा लगभग एक घंटे से कुछ परेशान एवं बदहवासी के आलम में प्लेटफार्म पर इधर से उधर चहलकदमी कर रहा था, जिसे वहां तैनात आरपीएफ सिपाही एस एस गुर्जर ( महासमुन्द आरपीएफ थाना ) देख रहे थे, दोनों की गतिविधियां सिपाही गुर्जर को संदिग्ध लगी तो वे उनसे पूछताछ करने लगे, पूछताछ के दौरान दोनों ने अपने आपको भाई-बहन बताया, लेकिन सिपाही की नजरों में दोनों की बाडी लेंग्वेज भाई-बहन वाली नही लग रही थी, आरपीएफ जवान को दोनों की गतिविधियों के बिना पर शक तो पहले से ही था साथ ही उन्हें मौजूद परिस्थितियां किसी अनहोनी की ओर इंगित कर रही थी, इसी कशमकश के बीच जब सिपाही ने कड़ाई से पूछताछ की तो किशोरवय के प्यार में पागल दो प्रेमियों के एक-दूसरे से जुदा होने की ना समझी में जीवन लीला समाप्त कर लेने की खौफनाक कहानी सामने आई।
दरअसल बागबाहरा रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ जवान एस एस गुर्जर ने जिस युवक-युवती को पूछताछ के लिए रोका था वे दोनों तेंदुकोना थाना अंतर्गत मोहदा गांव के निवासी थे तथा आपस में प्रेम करते थे 20 वर्षीय युवक ओबीसी वर्ग से था तो 18 वर्ष की दहलीज पर खड़ी युवती आदिवासी वर्ग से थी लेकिन दोनों ने जात, धर्म, समाज की सीमा रेखा से परे एक – दूसरे से प्यार कर बैठे थे, कुछ दिनों तक लोगों की नजरों से छुपकर उनका प्यार परवान चढ़ता रहा पर
शैन: – शैन: इसकी जानकारी गांव की गलियों से होते हुए दोनों के परिवारों तक पहुंच गयी, फिर क्या था दोनों के प्यार के बीच पारिवारिक विद्रोह का बिगुल बज उठा, किशोरवय दोनों प्रेमी पारिवारिक विद्रोह के थपेड़ों को सह ना सके एवं एक दूसरे से अलग होने के डर से एक खतरनाक इरादे के साथ बीती देर रात अपने – अपने घर से भाग कर बागबाहरा रेलवे स्टेशन पहुंच गए,
दोनों ट्रेन के नीचे एक साथ जान देने के इरादे से पहुंचे थे लेकिन वहां तैनात आरपीएफ जवान एसएस गुज्जर के नजरों में पड़ गए, पूछताछ में उनके इरादे के बारे में जानकारी मिलते ही आरपीएफ जवान दोनों को ऊंच-नीच दुनियादारी की बातें समझाने लगे लेकिन दोनों एक दूसरे से किसी भी कीमत पर अलग होने को राजी नही थे तीन घंटे की समझाईश के बाद आरपीएफ जवान ने उनके परिवार वालों को सूचित किया जहां से उनके परिवार के 10 – 12 लोग ग्राम प्रधान के साथ बागबाहरा रेलवे स्टेशन पहुंचे, उनके सामने भी समझाईश का दौर लगातार जारी रहा फिर मौके पर दोनों प्रेमियों को ग्राम प्रधान के सामने उनके परिवार को सौंप दिया गया, मुस्तैदी से ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ जवान एस एस गुज्जर ने अपनी सूझ बूझ से दो लोगों की जान बचाकर एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।