छ.ग. साहित्य मंच पर हुआ भिथिया लेखन स्टिकर का विमोचन
बागबाहरा। छत्तीसगढ़ी कवि एवं साहित्यकार रुपेश तिवारी को छत्तीसगढ़ साहित्य समिति के प्रांतीय छत्तीसगढ़ी भाषा साहित्य को बढ़ावा देने एवं उसके लिए उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया साथ ही उनके द्वारा “भिथिया लेखन स्टिकर” का इस अवसर पर विमोचन भी हुआ।
प्रांतीय छत्तीसगढ़ी सहित समिति एवं छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के संयुक्त तत्वाधान में उपरोक्त प्रांतीय अधिवेशन 2 दिन पूर्व गुरु घासीदास कॉलोनी न्यू राजेंद्र नगर रायपुर में संपन्न हुआ श्रीमती शकुन शिव डहरिया की मुख्य अतिथि एवं रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉक्टर केसरी लाल वर्मा की अध्यक्षता में डॉक्टर परदेशी राम वर्मा वरिष्ठ साहित्यकार राहुल सिंह सयुक्त सचिव संस्कृति विभाग विशेष रूप से उपस्थित थे। तीन सत्रों में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा साहित्य “आज अउ कल” इस विषय पर ठोस तथा सार संक्षेप में विचार मंथन हुआ इस अवसर पर नगर के क्षेत्र के छत्तीसगढ़ी कवि साहित्यकार रुपेश तिवारी द्वारा छत्तीसगढ़ी भाखा के प्रचार प्रसार में एक नवा लेखन उदिम भिथिया लेखन
“अपन गोठ म मया पिरित के, गुरतुर रस ला घोलव।” “गांव शहर दफ्तर म संगी, छत्तीसगढ़ी ला बोलाव।।” स्लोगन लिखित स्टिकर का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया उल्लेखनीय है कि उक्त को स्लोगन रुपेश तिवारी द्वारा लिखित है जिससे प्रदेश स्तर पर भिथिया लेखन हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है जिसमें स्वर्गीय श्यामलाल चतुर्वेदी एवं संत कवि पवन दीवान जैसे दिग्गज साहित्यकारों द्वारा सराहना की गई थी। इसके अलावा कार्यक्रम में रुपेश तिवारी की छत्तीसगढ़ साहित्य को बढ़ावा देने के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए संस्था के संस्थापक स्वर्गीय सुशील यादव के नाम पर घोषित साहित्य सम्मान प्रदान किया गया।
इस अवसर पर साहित्यकार चेतन भारती सुशील भोले, मीर अली मीर रायपुर, बुधराम यादव जांजगीर, डॉक्टर दादू लाल जोशी राजनांदगांव, धूमल लाल ध्रुव धमतरी, रामानंद त्रिपाठी बेमेतरा, केवरा यदु राजीम, किसान दीवान, बंधु राजेश्वर खरे महासमुंद सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के लगभग 200 से अधिक कवि साहित्यकार इस समारोह में उपस्थित थे समारोह का संचालन कान्हा कौशिक, शकुंतला तरार, सुखदेव राम साहू ने संयुक्त रूप से किया।
रुपेश तिवारी के सम्मानित होने पर वरिष्ठ साहित्यकार अशोक शर्मा, बंधु राजेश्वर खरे, अशोक चौरडिया महासमुंद, प्रवीण प्रवाह, शिवानंद महंती, बंटी छत्तीसगढ़िया, माधव तिवारी पिथौरा मिनीकेतन दास, राकेश सोनी, पुरुषोत्तम छत्तीसगढ़िया बसना, तथा हरीश पांडे, राजू कोमाखान, दानवीर शर्मा, एसके श्रीवास्तव, डॉ विकास अग्रवाल, धनराज साहू, जसवंत भारती, विष्णु महानंद, अनुराग द्विवेदी, हबीब खान, चंद्रकांत सेन, सुनील कोरी सहित क्षेत्र के समस्त कवि साहित्यकार एवं शुभचिंतकों ने हर्ष व्यक्त किया है।