बस्तर अंचल में हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा दिया जा रहा प्रशिक्षण
रायपुर – छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प कलाकारों द्वारा बनाए जा रहे मनमोहक तुम्बा लैम्प की मांग बाजारों में बढ़ती जा रही है। तुंबा के विभिन्न आकार-प्रकार वाले यह आकर्षक लैम्प अब लोगों के घर और बेडरूम की शोभा बनने लगे हैं। इन मनमोहक और आकर्षक लैम्पों का निर्माण नारायणपुर एवं बस्तर जिले आदिवासी शिल्पियों द्वारा किया जा रहा है। इसकी बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए हस्तशिल्प बोर्ड द्वारा अब इसका वृहद पैमाने पर प्रशिक्षण देकर निर्माण शुरू किए जाने की पहल की गई है। सूखे हुए तुंबे पर शिल्प कलाकार विभिन्न आकार-प्रकार की सुंदर कृतियां उकेर कर उन्हें मनमोहक और आकर्षक रूप देते हैं। हस्तशिल्प बोर्ड द्वारा इस हस्त शिल्पकला को पुर्नजीवित कर ग्रामीण युवाओं को रोजगार दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा तुंबा शिल्प को बढ़ावा देने के लिए संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा है कि राज्य शासन की मंशा के अनुरूप हस्तशिल्पकारों के संवर्धन और संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा विकासखंड के ग्राम उसरीबेड़ा में परम्परागत वस्तुओं से आकर्षक सजावटी वस्तु बनाने का प्रशिक्षण 24 अगस्त से दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण के दौरान अनुसूचित जनजाति वर्ग के 20 युवाओं को तीन माह तक गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान उन्हें 1500 रूपए प्रतिमाह की छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान तैयार की गई सजावटी सामग्री के लिए प्रदर्शनी-सह-मार्केटिंग की भी सुविधा बोर्ड द्वारा मुहैया करायी जाएगी। गौरतलब है कि राज्य में पहली बार तुंबा शिल्प से वृहद पैमाने पर लैम्प निर्माण की शुरूआत की गई है। स्टडी टेबल लैम्प के रूप में तुंबा से बने लैम्प को काफी पसंद किया जा रहा है और इसकी हाथों-हाथ बिक्री हो रही है। छत्तीसगढ़ में आयोजित होने वाले हस्तशिल्प मेलों में तुंबा शिल्प लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा है। हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा प्रशिक्षण एवं विपणन सुविधाओं के माध्यम से तुंबा शिल्प का अन्य क्षेत्रों में भी विस्तार किया जा रहा है।