बागबाहरा – गंगाजल की कसम को दोष देना बेकार है, भूपेश सरकार अपना काम उसी पेशेवर तरीके से कर रहे हैं, जिसकी उम्मीद थी निर्दयता, हठधर्मिता, और अराजकता से। यह बातें भेखलाल साहू उपाध्यक्ष जनपद पंचायत बागबाहरा ने भूपेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि महासमुंद में एक ही परिवार के छह मासूम जानें को शराबरूपी दैत्य निगल ली। हालांकि इन मासूम माँ और पांच बेटियां तब अपनी जान से हार गई थी, जब उन्हें यकीन हो गया था कि जनप्रतिनिधि सत्ता के लालच में गंगाजल की झूठी कसम खाकर भी शराब बेचना बदस्तूर जारी रखें। इनकी जानें तब चली गई थी जब लॉक डाउन के दौरान आवश्यक वस्तुएं चोरी छिपे और शराब बड़ी आसानी से मिल रही थी। आए दिन मासूम शराब के नशे में धुत शराबी पति व पिता की प्रताड़ना से तंग हो रहे थे और अपनी इहलीला समाप्त कर ली। उन्होंने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में चुनावी वर्ष के दौरान कांग्रेस ने ठोक-बजाकर शराबबंदी का वादा किया था। कांग्रेस ने तो शराबबंदी को न सिर्फ चुनावी प्रचार में मुद्दा बनाया था बल्कि घोषणा पत्र में जिक्र करके प्रतिबद्धता जताई थी। जब कांग्रेस की सरकार पूर्ण शराब बंदी की झूठे वादे करके पूर्ण बहुमत में तो आ गई लेकिन आधे कार्यकाल बीत जाने के बाद भी शराब बन्दी नही कर पाई। शराब के चलते कितनों के घर टूटे हैं, कितनो की जान चली गई, मगर सरकार अपनी ब्यक्तिगत ,निहित स्वार्थ, के कारण शराब बेचना बन्द नही कर रही है। भेखलाल साहू ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस की सरकार आम सभाओं में गंगाजल हाथों में लेकर कसम खाईं थी कि सरकार में आते ही शराब बंदी कर देंगे। उस समय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भूपेश बघेल सहित अन्य नेताओं ने शराब बंदी को लेकर अनेक आंदोलन भी किए थे। जाहिर है कांग्रेस ने सरकार में आते ही शराबबंदी का वादा भूला दिया। मुमकिन है कांग्रेस के लिए राजस्व के आगे सियासी नैतिकता अहमियत नहीं रखती है। राज्य में शराब के चलते अपनों के जान की फिक्र परिजनों को सताने लगी है। वहीं इस विपरीत परिस्थिति में भाजपा का हर कार्यकर्ता आम जनता के साथ खड़ा हुआ है और वक्त आने पर शराब के लिए सड़क से सदन की लड़ाई भी लड़ने को तैयार हैं। मैं शराब बेचने को लेकर सरकार की निदा करता हूँ साथ ही सरकार से मांग करता हूँ कि तत्काल शराबबन्दी कर अपना वादा निभाये और छत्तीसगढ़ की जनता की जान बचाये।