बागबाहरा।- शारदीय नवरात्र महापर्व के सप्तमी तिथि के शुभ अवसर पर ग्राम खोपली में पारंपरिक जसगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें आस-पास के ग्रामीण अंचलों से जसगीत सेवकों की 10 टीम सम्मिलित हुए।इनके द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक जसगीतो ने उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
*पुरातन परम्परा को जीवंत करना प्रमुख उद्देश्य*…
जसगीत कार्यक्रम के आयोजक मंडल, मित्र संघ दुर्गोत्सव समिति खोपली के सदस्यों ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आज के नवीन युवाओं को व जनसमुदाय को अपनी मौलिक व पुरातन जसगीत गायन-वादन की विधा से परिचित करवाना है। साथ ही अपनी इस महान(नवरात्र उत्सव) दैवीय संस्कृति से लोगों को अवगत कराना है। उन्होंने कहा कि, आज एक ओर जहाँ युवा पीढ़ी आधुनकि वाद्ययंत्रों के प्रयोग कर माता सेवा करते हुए अपनी पारंपरिक गायन-वादन की शैलि को बिसराते जा रहे है,वहीं दूसरी तरफ शहरी क्षेत्रों में डी.जे. की धुन में चलने होने वाले गरबा नृत्य की नवीन परम्परा ने आज के जनमानस के मन से माता जी के जसगीतो की मौलिकता व महत्ता को भुला सा दिया है। यही कारण है कि, इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से पारंपरिक और मौलिक पचरा गीत,श्रृंगार गीत,अखरागीत व विदाई गीत जैसे जसगीतो को महत्व दिया गया व इनके प्रस्तुतिकरण में भी मुख्य आकर्षण केवल पारम्परिक वाद्य यंत्रों का उपयोग रहा, जिनमे मांदर,मन्द्री,पेटी, खंजेरी व मंजीरा के माध्यम से किया गया।
बतादें की इस पूरे कार्यक्रम में प्रत्येक टीम को जसगीत गायन हेतु 20 मिनट का समय दिया गया था,जिसके लिए 50 अंको का निर्धारण किया गया था, जिसमें सभी टीमों को पारम्परिकता व मौलिकता को ध्यान में रखते हुए व वेषभूषा को ध्यान में रखते हुए अंक प्रदान किया गया। जिसके आधार पर निर्णायक मण्डल द्वारा ग्राम मंजरही की टीम को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया, वहीं क्रमशः बिंद्राबन व बिहाझर की टीम को द्वितीय व तृतीय पुरुस्कार दिया गया। साथ ही आये हुए अन्य टीमों को भी श्री फल व सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
पुरस्कार राशि प्रदान कर्ता
1.प्रथम पुरस्कार- स्व विजय कौशिक की स्मृति में ₹3501 (श्री केवल कौशिक द्वारा)
2.अम्मन बोरवेल्स व कान्हा ऑटो द्वारा ₹2501
3. पूर्णेन्द चंद्राकर व सुरेंद्र पटेल द्वारा ₹ 1501
4.बेस्ट गायक-वादन का पुरस्कार व सम्पूर्ण शील्ड छत्तीसगढ़ जनरल व डॉली फैंसी द्वारा प्रदत्त ।
जसगीतो की पारम्परिकता व उसकी मौलिकता को जीवंत बनाये रखने के लिए इस तरह के अनुकरणीय पहल को सभी आये हुए प्रतिभागियों व दर्शको ने भी सराहा व भविष्य में भी इस तरह के पारंपरिक कार्यक्रम के आयोजन हेतु शुभकामनाएं दी। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान ग्राम प्रमुख सरपंच रमनलाल वर्मा,निरंकार चंद्राकर,अशोक चंद्राकर,बलदाऊ वर्मा,लीलाधर चंद्राकर,तोरण वर्मा,भोला पटेल,धनराज साहू, शेखर साहू,संजय चंद्राकर,डुकेश्वर साहू,जैसे वरिष्ठ गण उपस्थित थे ,तो वहीं गाँव के युवा संवेदना ग्रुप के सदस्यों में सुरेंद्र पटेल,पूर्णेन्द चंद्राकर,विनोद, देवेंद्र,प्रमोद ,नरेंद्र ,गोविंद ,दिलीप,सन्नी ,संतोष सत्या,राकेश ने भी कार्यक्रम की सफलता में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस पूरे कार्यक्रम की समापन तक भारी संख्या में श्रद्धालु गण उपस्थित रहे।