वन विभाग के नाक के नीचे वनभूमि पर हो गया कब्जा

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लाखो रुपये के पत्थर की हो गई बिक्री

बागबाहरा –  नगर के बेस कीमती जमीनों पर लगातार अतिक्रमण किया जा रहा था जिसके चलते नगर में विकास एवं निर्माण कार्य के लिए जगह नही बची है । अब अतिक्रमण कारियो की नजर ग्राम पंचायतों की शासकीय भूमि एवं जंगलों पर पड़ गयी है अब ये अतिक्रमणकारी गावो एवं जंगलों की तरफ रुख कर रहे है । कुछ अतिक्रमण कारियो द्वारा नगर से सटे हुए हरनादादर बांध के लगे हुए पहाड़ी के नीचे की जमीन को खोदकर खेत बनाये जाने का काम जेसीबी द्वारा किया जा रहा था बतादे की पहाड़ी के नीचे लगभग 20 से 25  एकड़ जमीन पर खुदाई कर खेत निर्माण किया जा चुका है । वही इन अतिक्रमणकारियो द्वारा लाखो रुपये के पत्थरो को तोड़ कर बेच दिया गया है जिससे वन विभाग के राजस्व को लाखों रिपये का नुकसान भी हो चुका है ।
जानकारी के अनुसार ये सभी अतिक्रमणकारी मंडी पारा एवं हरनादादर के बताए जा रहे है ।

लाखो रुपये के प्लांटेशन को रौंदकर बनाया खेत –  वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 5 वर्ष लाखो रुपये की लागत से इन जगहों पर नीलगिरी , सागौन एवं बॉस के पौधे का प्लांटेशन किया गया अब तक वो पौधे पेड़ का रूप ले लेते लेकिन वन विभाग की लापरवाही अथवा सतत निगरानी नही होने के चलते इन कीमती पौधों को रौंद दिया गया । वन भूमि और वनों को नुकसान पहुचाने वालो के इस हौसले को देखकर लगता है मानो वन विभाग के अधिकारियों – कर्मचारियों की मिलीभगत हो इन लोगो के सह में ही ऐसा बड़ा कृत्य अंजाम दिया जा सकता है चुकी वन अमले की बात करे तो डिप्टी रेंजर से लेकर वन रक्षक एवं अन्य छोटे कर्मचारी इन जंगलो कि देख रेख के लिए तैनात रहते है इनकी सतत निगरानी के बावजूद अगर ऐसा हो रहा है तो इनकी कार्यशैली पर एक बड़ा सवाल उठता है अन्य ये वनकर्मी पूरी निष्ठा से कार्य नही कर रहे है ।

पार्षद के हस्तक्षेप के बाद हरकत में आया विभाग – तेन्दुलोथा वार्ड क्रमांक 12 के पार्षद लोकेश्वर चन्द्राकर को सूचना मिलने पर वे तत्काल घटना स्थल पर पहुचकर काम को बंद करवाये और  घटनास्थल से ही  वन विभाग , राजस्व विभाग को भी तत्काल जानकारी दी ।
लोकेश्वर चन्द्राकर ने बताया कि उनके द्वारा लिखित में वन विभाग में शिकायत भी दर्ज करवाई है ताकि अतिक्रमणकारियों पर तत्काल करत्वही हो और अतिक्रमण में उपयोग किये गए वाहन को राजसात किया जाए ताकि और कोई भी अन्य व्यक्ति राजस्व अथवा वन भूमि को हाथ लगाने की हिम्मत न करे ।

जयकांत गंडेचा ( रेंजर बागबाहरा) – मेरे पास आज आवेदन आया है जिसमे खसरा नम्बर लिखा हुआ है जो राजस्व भूमि है मौका निरीक्षण के लिए डिप्टी साहब को लिख दिया हु जानकारी के बाद बताता हूं ।

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